Description
Writter :- Kavi Chanda Jha
Editor :- Baldev Mishra (1890-1975), Ram Nath Jha (1906-1971)
Binding Type :- HB
Categories :-Kavya
Language :-Maithili
Isbn :- 978-81-260-0692-2
First Edition :- Raj Press Co. Ltd., Darbhanga (1955)
Publication :- Sahitya Akademi, New Delhi
Publication Year :- 1999,2010,2024
Page :-436
About Editor :-
Ram Nath Jha :- प्रतिभा, पाण्डित्य, विभिन्न भाषा ओ साहित्य पर समान अधिकार, मातृभाषाक गौरव सम्पादनक, अविचल धैर्य, रचनात्मक कार्य करबाक अप्रतिम उत्साह, अपन नित नवीन शोध ओ अनुसन्धान कार्य एवं स्थायी महत्वक साहित्यक निर्माण करबाक ओ करएबाक हेतु ईर्ष्याक पात्र बनल जाहि साहित्य सेवी दिस अनायास ध्यान चल जाइत अछि, जे अपन दृढ़ता ओ विशुद्ध साहित्यिक व्यक्तित्वक विशालताक कारणे ककरहु सँ समता नहि राखैत छथि, जनिक अन्तरंग ओ वहिरंग मे भेद नहि छैन्हि, जे अपन हंसवृत्ती समीक्षाक कारणे मैथिली साहित्य जगत मे प्रख्यात छथि, जे स्वयं विद्या, साहित्य ओ संस्कृतिक एक संस्था भए गेल छथि, जे मैथिली साहित्यक इतिहास मे कोनो राजा राममोहन राय अथवा केशवचन्द्र सेन सँ कम नहि छथि तनिके नाम छैन्हि आचार्य रामनाथ झा।
Baldev Mishra :- गणित, ज्योतिष ओ न्यायशास्त्र सदृश क्लिष्ट ओ नीरस विषयक वैदुष्य प्राप्त करितहुँ, प्राकृत-पाली-तिब्बती सदृश कर्कश ओ अप्रचलित भाषाक पाण्डित्य प्राप्त करितहुँ, मिथिलाक्षर-देवनागरीक संग-संग गुप्त-कुटिल-शारदा आदि कतोक अप्रचलित लिपिक सुविज्ञ होइतहुँ पंडित बलदेव मिश्र ज्योतिषाचार्य संवेदनशील साहित्यकारक प्रतिभा-संस्कारसँ समन्वित रहथि। हिनक संपूर्ण जीवन एक रचनाकार-साहित्यकारक जीवन रहए। लिखब ओ लिखैत रहब हिनक-व्यसन रहए, हिनक जीवनक उद्देश्य रहए। मुदा साहित्यकारक यश ई अर्जित कएल मैथिली अहिमे लीखी। मैथिलीमे ई निबन्ध-प्रबन्ध लिखल, आलोचना-समालोचना लिखल, जीवनी-संस्मरण लिखल, इतिहास-साहित्येतिहास लिखल, कविता-मुक्तक लिखल ओ संकलन-सम्पादन करैत अपन ‘आत्मकथा‘ सेहो लिखल। मैथिलीमे लिखिनिहार कोनहु संस्कृत-पंडितक रचनासँ हिनक मैथिली-रचना अधिक अछि, कम तँ नहिएँ अछि। आ तेँ ई आइ भारतीय साहित्य-निर्माताक पंक्तिमे सुप्रतिष्ठित छथि, यशस्वी छथि।
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