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Maithili Lokgeet

Rs.379.00

About Book :- 

लोकगीत लेखनक परिपाटी नहि रहलाक कारणेँ प्राचीन मैथिली लोकगीतक प्रामाणिक अथवा अप्रामाणिक संग्रह नहि भेंटैछ। समाजक उच्चवर्ग आओर मध्यम वर्गमे लोकगीतक प्रचलन आ संरक्षण मुख्यतः स्त्रीगण द्वारा होइत रहल अछि। शिक्षाविहीन निम्नवर्गीय क्षेत्रमे पुरुष आ स्त्री समान रूपसँ लोकगीतक संरक्षक रहैत आयल छथि। शिक्षाक नवआलोकक प्रसारक उपरांत कतिपय साक्षर स्त्रीगण लोकगीतकेँ लिपिबद्ध क’ कए रखनाइ प्रारंभ कएलन्हि, किंतु उच्चस्तरीय शिक्षाक अभावमे हिनका सभक लेखनकेँ संकेत लिपिसँ अधिक नहि मानल जा सकैछ। वैज्ञानिक लेखन-पद्धतिसँ वंचित रहलाक कारणें एहन स्त्रीगणक संकेतक रूपमे लिखित लोकगीतक आधार पर जे व्यक्ति संग्रह आ अध्ययन करै चाहताह हुनका अधिकांशतः निराशा मात्र भेंटतन्हि। ई कहनाह अनावश्यक हैत जे आइयो लोकगीतक संग्रहमे अत्यधिक असुविधा होइत अछि। सबसँ पैघ असुविधा अछि अर्थ-व्यवस्थाक। मैथिली लोकगीतक संपूर्ण संपदाक संरक्षणक कार्य आजुक युगमे साधारण व्यक्तिक लेल कल्पनातीत अछि। कैक प्रकारक गीत त एहन अछि जकर संग्रह विशेष ऋतुमे अथवा विशेष अवसरे पर कएल जा सकैत अछि, जाहि लेल यथेष्ट समय एवं धैर्य अपेक्षित अछि । एहि ग्रंथमें संपादिकाक चारि दशकक लोकगीत-संग्रह विषयक कार्यक अति संक्षिप्त सार मात्र उपस्थित कएल गेल अछि। प्रयास कएल गेल छैक जे प्रत्येक प्रकारक गीतक किछुओ नमूना अवश्य उपस्थित कएल जाय।

 

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Description

Compiled and Edited     :- Anima Singh

Binding Type           :-   PB

Categories              :- Folk Song in Maithili

Language               :- Maithili

Isbn                          :- 978-81-7201-356-1

Publication             :-    Sahitya Akademi

Publication Year    :- 1993, 2015, 2024

Page                        :-432

Weight                   :-   550gm

About Writter       :-

अणिमा सिंह (1925)क मातृभाषा बँगला, शिक्षा-दीक्षा भेलनि राष्ट्रभाषा हिंदीमे आ डी. फिल. केलनि मैथिलीमे। ओ कलकत्ताक चारुचंद्र कॉलेजमे हिंदीक प्राध्यापिका भेलीह। तत्पश्चात् बंगाल सरकारक प्रतिष्ठित लेडी ब्रेबोर्न कॉलेजसँ हिंदी प्राध्यापिकाक पदसँ सेवानिवृत्त भेलीह। ओ अपन शोधक क्रममे संपूर्ण मिथिलांचलक गामे-गामे घूमि क’ मैथिली लोकगीतक संकलन केलनि। इ संकलन मैथिली लोकगीतक प्रायः सबसँ पैघ संकलन छनि। एकर अतिरिक्त एहि विषयक कैकटा पुस्तक प्रकाशित छनि जेना सोहर आओर खेलौना, कोहबर, समदाउन आओर उदासी तथा शिशुगीत आओर खेल।

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